ka kha ga gha | स्वर तथा व्यंजन | Hindi Alphabets
Ka Kha Ga Gha (Hindi Alphabet) देवनागरी लिपि की एक लेखन प्रणाली है । जो की बहुत ही प्राचीन काल से चलती आ रही है जिसका प्रयोग विभिन्न भाषाओ को लिखने के लिए किया जाता चला आ रहा है । इसकी उत्पत्ति का पता हम ब्राह्मी लिपि के द्वारा भी लगा सकते है। क, ख, ग, घ (हिन्दी अल्फाबेट) लेखन प्रणाली का प्रयोग मौर्य साम्राज्य मे (321-185 ईसा पूर्व) में “प्राकृत” लिखने के लिए किया गया था, जो प्राचीन भारत में बोली जाने वाली भाषा थी। देवनागरी लिपि अर्थात Ka Kha Ga Gha का उपयोग अब हिंदी, मराठी, नेपाली, संस्कृत और अन्य भाषाओं को लिखने के लिए किया जाता है।
इसे भी पढे : क, ख, ग, घ बारहखड़ी ।
अगर Ka, Kha, Ga, Gha, Anga Gya तक सीखना चाहते है तथा इसके बारे मे जानना चाहते है तो हम आपको इस लेख में क, ख, ग, घ के महत्व और उत्पत्ति के बारे में तथा उसे लिखने, पढ़ने, तथा याद करने का तरीका विस्तार से बताएंगे ।
Ka Kha Ga Gha (Hindi Alphabets) का महत्व
Ka Kha Ga Gha सीखने से पहले हमको इसके महत्व को भी जरूर जानना चाहिए क्योंकी यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसने भारतीय भाषाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह संचार, शिक्षा और साहित्य के लिए भी एक आवश्यक उपकरण की तरह है। कई प्राचीन भारतीय ग्रंथ, जैसे वेद, पुराण और उपनिषद, देवनागरी लिपि में लिखे गए थे। आज, इसका उपयोग समाचार पत्रों, पुस्तकों और वेबसाइटों सहित आधुनिक प्रकाशनों की एक पूरी विस्तृत श्रृंखला में किया जाता है।
क, ख, ग, घ की उत्पत्ति
देवनागरी लिपि अर्थात (Ka Kha Ga Gha) जो की ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई, जिसका उपयोग प्राचीन भारत में “प्राकृत” (प्राचीन भारत मे बोले जाने वाली भाषा) लिखने के लिए किया जाता था। ब्राह्मी लिपि का विकास मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। ब्राह्मी लिपि के सबसे पुराने शिलालेख ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी के हैं, और वे उस क्षेत्र में पाए गए थे जिसे अब भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रूप में जाना जाता है।
ब्राह्मी लिपि का प्रयोग प्राकृत, संस्कृत और पाली आदि विभिन्न भारतीय भाषाओं को लिखने के लिए किया गया था। समय के साथ, ब्राह्मी लिपि देवनागरी लिपि सहित विभिन्न लिपियों में विकसित हुई। देवनागरी लिपि का विकास 11वीं सदी में हुआ था और शुरुआत में इसका इस्तेमाल संस्कृत लिखने के लिए किया जाता था। इसे बाद में अन्य भाषाओं जैसे हिंदी, मराठी और नेपाली के लिए अपनाया गया।
Ka Kha Ga Gha (Hindi Alphabets) की संरचना
देवनागरी लिपि (Hindi Alphabets) में 48 अक्षर हैं, जिनमें 14 स्वर(Swar) और 34 व्यंजन (Vyanjan) हैं। स्वरों को स्वतंत्र अक्षरों के रूप में लिखा जाता है, जबकि व्यंजनों को स्वरों के संयोजन से लिखा जाता है। संयोजक दो या दो से अधिक व्यंजनों के मेल से बनते हैं, और वे एक ही ध्वनि का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त क्ष (क्ष) k और श की संयुक्त ध्वनि का प्रतिनिधित्व करता है।
Swar (स्वर)
जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से किया जाता है है । अर्थात जिन वर्णों का हमने उच्चारण करने के लिए अन्य वर्णों की सहायता नहीं लेनी पड़ती उन्हे हम स्वर (Swar) कहते है । को कहते हैं, स्वर वह ध्वनि है जो हमारे मुह या गले में बिना किसी अवरोध के वाक् तंतुओं के कंपन से उत्पन्न होती है इनका उच्चारण करते वक्त हमे जीभ, या फिर होंठ का प्रयोग नहीं करना पड़ता, पर, उ, ऊ के उच्चारण में हमे अपने होठों का भी प्रयोग करना पड़ता है। हिंदी वर्णों में स्वरो की कुल संख्या ग्यारह है।। स्वर हिंदी भाषा के आवश्यक घटक हैं और व्यंजन के संयोजन में शब्द और वाक्य बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
स्वर तथा मात्रए | 1. अ | 2. आ | 3. इ | 4. ई | 5. उ | 6. ऊ |
ा | ि | ी | ु | ू | ||
7. ऋ | 8. ए | 9. ऐ | 10. ओ | 11. औ | अं , अः | |
ृ | े | ै | ो | ौ |
Vyanjan ( व्यंजन )
वे वर्ण जिनका उच्चारण करते समय हमे स्वरों की सहायता पड़ती है वे वर्ण व्यंजन कहलाते है ।व्यंजन का उच्चारण करते समय हमारे फेफड़ों से निकली हुई वायु हमारे मुह मे रुकती हुई आती है। स्वर स्वतंत्र वर्ण कहलाते है तथा व्यंजन स्वर पे आश्रित वर्ण होते है । और हर एक व्यंजन के उच्चारण मे “अ ” स्वर जुड़ा हुआ होता है जैसे की- “क” का उच्चारण करते वक्त अ स्वर भी या रहा है उसी तरह Ka Kha Ga Gha Anga आदि किसी भी व्यंजन के उच्चारण मे हमे स्वरों की आवस्कता पड़ती है। हिंदी वर्णमाला मे व्यंजनों की कुल संख्या 33 है।
Ka Kha Ga Gha ( क , ख , ग, घ ) Hindi Alphabets
नीचे दी गई तालिका की मदद से हम Ka Kha Ga Gha in Hindi Gya तक देख सकते है तथा याद कर सकते है ।
क | ख | ग | घ | ङ |
च | छ | ज | झ | ञ |
ट | ठ | ड | ढ | ण |
त | थ | द | ध | न |
प | फ | ब | भ | म |
य | र | ल | व | श |
ष | स | ह | क्ष | त्र, और ज्ञ |
Ka Kha Ga Gha in English (Hindi Alphabet in English)
Swar | A | Aa | I | E | U |
Oo | Ri | E | Ai | O, and Au | |
Vyanjan | Ka | Kha | Ga | Gha | Nga |
Cha | Chha | Ja | Jha | Nya | |
Ta | Tha | Da | Dha | Na | |
Ta | Tha | Da | Dha | Na | |
Pa | Pha | Ba | Bha | Ma | |
Ya | Ra | La | Va | Sha | |
Sha | Sa | Ha | Ksha | Tra, and Gya |
Ka Kha Ga Gha in Tamil (Hindi Alphabet in Tamil)
अ –> அ | आ –> ஆ | इ –> இ | ई –> ஈ | उ –> உ | ऊ –> ஊ | ए –> ஏ |
ऐ –> ஐ | ओ –> ஓ | औ –> ஔ | ||||
क –> க | ख –> கா | ग –> கி | घ –> கீ | ङ –> கு | च –> ச | छ –> சா |
ज –> சி | झ –> சீ | ञ –> சு | ट –> ட | ठ –> டா | ड –> டி | ढ –> டீ |
ण –> டு | त –> த | थ –> தா | द –> தி | ध –> தீ | न –> து | प –> ப |
फ –> பா | ब –> பி | भ –> பீ | म –> பு | य –> யு | र –> ரு | ल –> லு |
व –> வு | श –> ஶு | ष –> ஷு | स –> ஸு | ह –> ஹு | क्ष –> க்ஷு | ज्ञ –> ஜ்ஞு |
Ka Kha Ga Gha in Marathi (Hindi Alphabet in Marathi)
हिन्दी तथा मराठी भाषा मे क ख ग घ लगभग same ही होता है इनमे सिर्फ कुछ ही वर्णों के अच्छरों का बदलाव होता है जो की नीचे आप देख सकते है ।
Swar
- अ
- आ
- इ
- ई
- उ
- ऊ
- ए
- ऐ
- ओ
- औ
Vyanjan
- क
- ख
- ग
- घ
- ङ
- च
- छ
- ज
- झ
- ञ
- ट
- ठ
- ड
- ढ
- ण
- त
- थ
- द
- ध
- न
- प
- फ
- ब
- भ
- म
- य
- र
- ळ
- व
- श
- ष
- स
- ह
- क्ष
- ज्ञ
मराठी में, अक्षर ल (ळ) से दरसाय जाता है तथा स्वर ऋ (री) आमतौर पर उपयोग नहीं किया जाता है।
Ka Kha Ga Gha in Kannada (Hindi Alphabet in Kannada)
ಅ (a) | ಆ (aa) | ಇ (i) | ಈ (ii) | ಉ (u) | ಊ (uu) | ಋ (ri) |
ಎ (e) | ಏ (ee) | ಐ (ai) | ಓ (oo) | ಔ (au) | ||
ಕ (ka) | ಖ (kha) | ಗ (ga) | ಘ (gha) | ಙ (nga) | ಚ (cha) | ಛ (chha) |
ಜ (ja) | ಝ (jha) | ಞ (nya) | ಟ (ta) | ಠ (tha) | ಡ (da) | ಢ (dha) |
ಣ (na) | ತ (ta) | ಥ (tha) | ದ (da) | ಧ (dha) | ನ (na) | ಪ (pa) |
ಫ (pha) | ಬ (ba) | ಭ (bha) | ಮ (ma) | ಯ (ya) | ರ (ra) | ಲ (la) |
ವ (va) | ಶ (sha) | ಷ (sha) | ಸ (sa) | ಹ (ha) | ಕ್ಷ (ksha) | ಜ್ಞ (gya) |
Hindi Alphabets बाएँ से दाएँ लिखा जाता है और अक्षरों को जोड़कर शब्द बनाए जाते हैं। अंग्रेजी वर्णमाला के विपरीत, Hindi Alphabets में अंग्रेज़ी अल्फाबेट की तरह बड़े और छोटे अक्षर नहीं होते हैं।
Ka Kha Ga Gha in Hindi (Alphabet Pronunciation)
Hindi Alphabets ( Ka Kha Ga Gha) का सही ढंग से उच्चारण करने के लिए हमे प्रत्येक अक्षर से जुड़ी मूल ध्वनियों को भी समझना जरूरी है। अब हम हिन्दी अल्फाबेट्स के स्वर तथा व्यंजनों के उच्चारण को सीखेगे।
स्वरों का उच्चारण
Sr.No | स्वर | उच्चारण |
1. | अ | अ से अनार |
2. | आ | आ से आम |
3. | इ | इ से इमली |
4. | ई | ई से ईख |
5. | उ | उ से उल्लू |
6. | ऊ | ऊ से ऊन |
7. | ऋ | ऋ से ऋषि |
8. | ए | ए से एकतारा |
9. | ऐ | ऐ से ऐनक |
10. | ओ | ओ से ओखली |
11. | औ | औ से औरत |
12. | अं | |
13. | अः |
व्यंजनों का उच्चारण
Sr.No | व्यंजन | उच्चारण |
1. | क | क से कमल |
2. | ख | ख से खरगोश |
3. | ग | ग से गमला |
4. | घ | घ से घड़ी |
5. | ङ | ङ खाली |
6. | च | च से चम्मच |
7. | छ | छ से छतरी |
8. | ज | ज से जहाज |
9. | झ | झ से झाड़ू |
10. | ञ | ञ खाली |
11. | ट | ट से टमाटर |
12. | ठ | ठ से ठठेरा |
13. | ड | ड से डमरू |
14. | ढ | ढ से ढक्कन |
15. | ण | ण खाली |
16. | त | त से तरबूज |
17. | थ | थ से थरमस |
18. | द | द से दवात |
19. | ध | ध से धान |
20. | न | न से नल |
21. | प | प से पतंग |
22. | फ | फ से फल |
23. | ब | ब से बकरी |
24. | भ | भ से भालू |
25. | म | म से मछली |
26. | य | य से यग |
27. | र | र से रस्सी |
27. | ल | ल से लट्टू |
29. | व | व से वन |
30. | श | श से शलजम |
31. | ष | ष से षट्कोण |
32. | स | स से सपेरा |
33. | ह | ह से हल |
34. | क्ष | क्ष से क्षत्रीय |
35. | त्र | त्र से त्रिशूल |
36. | ज्ञ | ज्ञ से ज्ञानी |
Ka Kha Ga Gha के उपयोग (Uses of Hindi Alphabets)
हम सुरू से देखते चले आ रहे है की Hindi Alphabets का उपयोग साहित्य, कविता और धार्मिक ग्रंथों को लिखने सहित अन्य बहुत से कार्यों मे किया जाता है किया जाता है। इसका उपयोग संचार, शिक्षा और आधिकारिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। कई भारतीय भाषाएँ, जैसे हिंदी, मराठी और नेपाली, देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं। इसका उपयोग संस्कृत के लिप्यंतरण के लिए भी किया जाता है, जो भारत की एक प्राचीन भाषा है।
हाल के ही कुछ सालों मे , योग और भारतीय आध्यात्मिकता के विकाश के कारण देवनागरी लिपि ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है। कई पश्चिमी देशों के लोग अब भारतीय संस्कृति और दर्शन की गहरी समझ हासिल करने के लिए देवनागरी लिपि में पढ़ना और लिखना सीख रहे हैं।
निष्कर्ष:
Ka Kha Ga Gha (Hindi Alphabets) भारतीय संस्कृति का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा है, और इसने भारत की तमाम भाषाओं के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी उत्पत्ति का पता हम ब्राह्मी लिपि से लगा सकते है, जिसका उपयोग प्राचीन भारत में “प्राकृत” (भारत की प्राचीन भाषा) लिखने के लिए किया जाता था। और आज हमे इसकी आदत हो गई है
Ka Kha Ga Gha Hindi and English PDF- Download
हिंदी भाषा के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- हिंदी अक्षरों (Alphabets) के चार्ट में 13 स्वर और 36 व्यंजन होते है ।
- हिंदी भाषा दुनिया मे चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है ।
- पूरी दुनिया 435 मिलियन से भी अधिक लोग हिंदी भाषा बोलते तथा समझते हैं।
- अंग्रेजी के अलावा हिंदी भी भारत की आधिकारिक भाषा है। और इसे राष्टीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
- हिंदी उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान,दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश,आदि राज्यों की राजभाषा है।
- हिंदी भारत देश के अलावा अन्य देशों में भी बोली जाती है- पाकिस्तान, नेपाल , बांग्लादेश, श्रीलंका,मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और तबागो।
FAQs
क, ख, ग, घ, का हिन्दी भाषा मे क्या मतलब है ।
Ka kha Ga Gha देवनागरी लिपि की एक लेखन प्रणाली है । जो भारत मे प्राचीन काल से चलती आ रही है जिसका प्रयोग भारत मे अनेकों भाषाओ को लिखने के लिए किया जाता चला जा रहा है
हिन्दी भाषा में स्वर का क्या अर्थ होता है?
स्वर ऐसी ध्वनियाँ हैं जिनका उच्चारण बिना किसी रुकावट के किया जा सकता है और इनके उच्चारण के लिए किसी स्वर या व्यंजन ध्वनि के प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती है।
Hindi Alphabets में कितने स्वर होते हैं?
हिंदी भाषा में 11 स्वर होते है अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ।
हिंदी भाषा में स्वर और व्यंजन में क्या अंतर है?
हिन्दी भाषा स्वरों का उच्चारण बिना किसी बाधा या किसी अन्य व्यंजन ध्वनि की सहायता से किया जा सकता है, जबकि व्यंजन को उच्चारण करने के लिए स्वरों की आवश्यकता होती है।
Hindi Alphabets में व्यंजन के उच्चारण में ‘अ’ स्वर का क्या महत्व है?
Hindi Alphabets में व्यंजन के उच्चारण ‘अ’ स्वर के बिना व्यञ्जनों का उच्चारण सम्भव नहीं है।